Homeबुन्देलखण्ड दस्तकएम्बुलेंस संस्थान का बड़ा फर्जी बाड़ा

एम्बुलेंस संस्थान का बड़ा फर्जी बाड़ा

एम्बुलेंस संस्थान का बड़ा फर्जी बाड़ा

भाजपा सरकार एम्बुलेंस सेवा में भ्रष्टाचार करने वालों पर क्यों नहीं करती कार्रवाई

सरकारी खजाने को जमकर लगा रही चूना

उत्तर प्रदेश -ग्रीन हैल्थ सर्विस संस्था के मालिक TVS रेड्डी का जलवा उत्तर प्रदेश की कट्टर भाजपा सरकार में भी फर्जी केसों को कराने में बना हुआ है आपको बताते चलें उत्तर प्रदेश में 108 , 102 का टेंडर ग्रीन हैल्थ सर्विस संस्था को दिया गया है जिनके मालिक TVS रैडडी है जो आज कल फर्जी बाड़ा में अपना दबदबा कायम किए हुए हैं आज आपको बताएंगे कैसे होता है ये फर्जी बाड़े का पूरा खेल सरकार द्वारा ग्रीन हैल्थ सर्विस संस्था को उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा के रख रखाव एवं कर्मचारियों को रखने की जिम्मेदारी मिली है जिसमें HR , ARC , और ओप्रेशन हैड, RM और जिले में PM , EME FE , जैसे अधिकारियों को नियुक्तियां दे रखीं हैं और समय-समय पर गाड़ियों की जांच के लिए ओडिटर भी नियुक्त किए गए हैं ये तो थी अधिकारियों की लिस्ट अब भ्रष्टाचार की कहानी कहां से शुरू होती है बो आपको बतातें है कंपनी संचालक TVS रैडडी सुबह होते ही अपने अधिकारियों को निर्देश देते हैं आज हमें ज्यादा से ज्यादा केस करने हैं जिनके केस कम होते हैं उनका ट्रांसफर, या नौकरी से भी टर्मिनेशन हो सकता है जिससे अधिकारी अपने कर्मचारियों को टाईट करते हैं और उनको निर्देश देते हैं आज 20 से 30 केस आपको करना है तो फिर क्या कर्मचारी और अधिकारी अपनी अपनी नौकरी बचाने के लिए दिनभर जूझते हैं जब केस कम होते दिखते हैं तो कर्मचारी क्या करें फिर अपने संबंधियों के फोन से फर्जी मरीज बनाकर कर कालर बनकर 102,108 पर बात कर एम्बुलेंस जैसी महत्वपूर्ण योजना से खेलते हैं और हजारों लीटर डीजल फर्जी केश में बर्बाद करते हैं और सरकार को सही केश बाता कर मोटी रकम लूट लेते हैं ताज्जुब की बात तो ये है की उसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग भी कर देता है जबकि जमीनी स्तर पर इस मामले की जांच हो जाएं तो 80 पर्सेंट केश फर्जी होंगे और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा यदि कोई व्यक्ति हकीकत में बीमार होता है तो उसके लिए बो सेवा नहीं मिल पाती क्योंकि की उस समय एम्बुलेंस फर्जी केश में व्यस्त हो जातीं हैं इस मामले को उत्तर प्रदेश सरकार को गम्भीरता से लेना चाहिए और इसकी जांच करवानी चाहिए और फर्जी बाढ़ा करने वाले संस्थान पर कठोर कार्रवाई हो सके

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