Homeबुन्देलखण्ड दस्तकआस्था का केंद्र बन भक्क्तो की रक्षा करती हैं बडी़ माता

आस्था का केंद्र बन भक्क्तो की रक्षा करती हैं बडी़ माता

आस्था का केंद्र बन भक्क्तो की रक्षा करती हैं बडी़ माता

ब्रह्म मुहूर्त से ही धूप जग की सुगंध से गमक उठाती है सिद्ध पीठ

मैया के दरबार में आने वाले भक्तों की होती है हर मुराद पूरी

कुठौंद (जालौन) कस्बा कुठौंद में बीज गोदाम के पास नगर की सिद्ध पीठ में सैलाव बड़ी माता मंदिर पर इन बसंत नवरात्रि पर्व में भक्तों का तांता उमड़कर माता रानी के चरणों में पान सुपारी ,ध्वजा, नारियल को अर्पित कर श्रद्धा भाव से पूजा अर्चन कर रहा है। मान्यता है कि कुठौंद नगर बसने के पूर्व ही बड़ी माता मंदिर की किन्हीं विद्वान द्वारा स्थापना कराई गई थी।बड़ी माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध यह स्थान स्थान लोगों की आस्था भक्ति का केंद्र बन चुका हैं! जहां पर नवरात्रि के अतिरिक्त भी प्रतिदिन सैंकड़ो की संख्या में माता रानी के भक्तों का रेला माता रानी के पूजन अर्चन के लिए पलक पावडे बिछाए रहता है। माता रानी का यह स्थान 1951 से गुंजाय मान है !1951 में प्रथम महंत काशीपुरी हुए थे तत्पश्चात उनके प्रिय शिष्य महेश पुरी द्वितीय चरण में महांत के रूप में कृष्णा पुरी को महांती सौपी गई जो आज तक महंत के रूप में पदासीन हैं! उनके अनुसार उनके महत्व उम्र उसे समय 16 वर्ष की थी तब महंती सोप गई थी आज वह सतायु वर्ष के करीब हैं !तथा 93 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं लेकिन माता रानी के पूजन अर्चन में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो इसके लिए वह सदैव सजग रहते हैं वृद्धावस्था प्राप्त करने के बाद भी माता रानी के प्रति उनकी इतनीअगाध श्रद्धा है कि ब्रह्म मुहूर्त से ही घंटा घड़ियाल की ध्वनि आज भी स्पष्ट रूप से सुनाई देती है। नगर के बुजुर्गों का कहना है की माता रानी के दरबार में जो भी अपनी मनोकामना लेकर के आया उसे पूर्ण करने में भी माता रानी ने पूरी उदारता वरती कई सूनी गोदो को उनके द्वारा भरा गया कई लोगों की मन वांछित मनोकामनाएं पूर्ण हुई। कस्बा कुठौंद में निवासरत अवस्थी परिवार जो नित्य प्रति मंदिर की साफ सफाई करता हैं! उनके दोनों पुत्रों को सरकारी/ लिमिटेड सेवा में उच्च पदों पर माता रानी के आशीर्वाद से ही पदासीन होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वर्तमान में महांत कृष्णापुरी के पुत्र नरेंद्र महान वर्तमान में कुठौंद नगर के यशस्वी ग्राम प्रधान हैं जो नगर की सेवा कर रहे हैं।
मनोकामना पूर्ण कर मोक्षदायिनी हैं बड़ी माता

कुठौंद के प्रधान नरेंद्र महांत के द्वारा जब बड़ी माता मंदिर के बारे में जानकारी दी गई तो उन्होंने बताया कि माता रानी दीन दुखियों की मनोकामना पूर्ण कर उन्हें मोक्ष प्रदान भी करती हैं आज तक माता रानी के दर पर जो भी भक्त आया वह कभी निराश हो करके वापस नहीं गया महाशक्ति के रूप में विराजमान बड़ी माता मंदिर की स्थापना वैसे तो आजादी के पूर्व ही हुई थी लेकिन बुजुर्गों का मानना है कि 50 के दशक आसपास माता रानी को कुठौंद नगर में विराजमान हुई उनकी प्रेरणा से कुठौंद नगर में जब किसी की शादी विवाह होकर के नव वधू घर आती है तो माता रानी का आशीर्वाद लेकर के ही घर में प्रवेश करती है। साथ ही नवरात्रि के दिनों में धूप ,दीप ,नैवेद की सुगंध से आधा नगर गूंज मन रहता है माता रानी के दर्शन के लिए सुबह से ही लंबी-लंबी कतारे भक्तों की लग जाती हैं! जो बारी-बारी से माता रानी का पूजन अर्चन करते हैं।
*कलियुग में तत्काल फल देने वाली है बड़ी माता*
वरिष्ठ पत्रकार अनूप कुमार मिश्र का कहना है कि आदि शक्ति के रूप में विराजमान बड़ी माता मंदिर पर जो भी अपनी मनोकामना लेकर के आया माता जी ने उसने उसे अपनी शरण में लेकर के उसकी मनोकामना पूर्ण की। वैसे भी कलियुग की आराध्य देवी दुर्गा के अवतारों को ही माना गया है दुर्गा सप्तशती में भी इसका स्पष्ट वर्णन देखने को मिलता है दुर्गा सप्तशती में तो यहां तक बताया गया है की माता रानी के कीलक, कवच, अर्गला ,और शहस्त्र नाम का जो भी भक्त नित्य प्रति पाठ करता है उसे संसार के दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है ।अंत काल में उसे सद्गति भी प्राप्त होती है ,कलौ सर्वश्रेष्ठ साधनम।

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